कमरों की संरचना और लेआउट: घर का लेआउट खुला और व्यवस्थित होना चाहिए। कमरे सही आकार और स्थान पर होने चाहिए ताकि फर्नीचर और अन्य सजावट के सामान के लिए पर्याप्त जगह हो।
प्राकृतिक प्रकाश और वेंटिलेशन:घर में पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी और हवा का प्रवाह होना आवश्यक है। इससे न केवल फ्लैट का आंतरिक सौंदर्य बढ़ता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। बड़े खिड़कियाँ और बालकनी भी महत्वपूर्ण हैं।
छत की ऊंचाई: घर की छत की ऊंचाई पर्याप्त होनी चाहिए ताकि इंटीरियर डिजाइन के दौरान लाइटिंग, फॉल्स सीलिंग, और डेकोरेटिव एलिमेंट्स का सही उपयोग किया जा सके।
फ्लोरिंग: घर में लगी फ्लोरिंग का प्रकार और उसकी गुणवत्ता देखना आवश्यक है। फ्लोरिंग का रंग और सामग्री, आपके इंटीरियर डिजाइन की थीम के साथ मेल खाना चाहिए।
दीवारों की स्थिति: दीवारों का प्लास्टर, रंग और बनावट देखना जरूरी है। यह दीवारों पर पेंटिंग, वॉलपेपर, या अन्य डेकोरेटिव एलिमेंट्स लगाने के लिए आवश्यक होता है।
रसोई और बाथरूम की स्थिति: किचन और बाथरूम के डिजाइन, फिटिंग्स, और उपकरणों की गुणवत्ता पर ध्यान दें। ये क्षेत्र फ्लैट के इंटीरियर का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं और इनकी सही योजना आवश्यक होती है।
बिल्ट-इन स्पेस और स्टोरेज: घर में पर्याप्त स्टोरेज स्पेस होना चाहिए जैसे कि अलमारी, शेल्विंग, आदि। इनका डिज़ाइन और प्लेसमेंट ऐसा हो कि फ्लैट की सजावट में कोई रुकावट न आए।
फर्निशिंग और फिटिंग्स: यदि घर में पहले से फर्निशिंग की गई है, तो उसकी गुणवत्ता और डिज़ाइन की जाँच करें। यह सुनिश्चित करें कि यह आपके इंटीरियर सजावट के विचारों के साथ मेल खाता है।
सोफा और फर्नीचर प्लेसमेंट के लिए उचित जगह: घर में सोफा और अन्य आवश्यक फर्नीचर के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए। यह ध्यान रखें कि फर्नीचर आरामदायक रूप से रखा जा सके और फ्लैट के इंटीरियर में संतुलन बना रहे।
हेडबोर्ड के लिए उपयुक्त दीवार: बेडरूम में हेडबोर्ड रखने के लिए एक दीवार होनी चाहिए, जिस पर कोई खिड़की न हो। यह बेड की सही प्लेसमेंट और बेडरूम के इंटीरियर में संतुलन के लिए जरूरी है।
वॉशिंग मशीन के लिए स्थान: फ्लैट में वॉशिंग मशीन रखने के लिए उचित स्थान उपलब्ध होना चाहिए। यह स्थान किचन, बाथरूम, या बालकनी में हो सकता है, जहां इसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सके।
डाइनिंग टेबल के लिए जगह: घर में डाइनिंग टेबल रखने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए। यह जगह लिविंग एरिया या किचन के पास हो सकती है, ताकि डाइनिंग एरिया और बाकी इंटीरियर में सामंजस्य बना रहे।
आर्किटेक्चरल थीम: घर का आर्किटेक्चरल स्टाइल ऐसा हो जिसे आप अपने इंटीरियर डेकोरेशन के आइडियाज के अनुसार परिवर्तित कर सकें।
इन बिंदुओं पर ध्यान देकर आप ऐसा फ्लैट चुन सकते हैं जो आपके इंटीरियर डेकोरेशन के सपनों को साकार करने में सहायक हो।